सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल 2% की बढ़त दर्ज की गयी। अब कीमतों के 5,420 रुपये सहारा के साथ 5,600 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
वर्तमान में सोयाबीन की कीमतें 3,950 रुपये प्रति 100 किलोग्राम के एमएसपी से काफी अधिक हैं। लेकिन देश में कीमतों को नियंत्रण में रखने वाले तिलहन और खाद्य तेल पर स्टॉक सीमा के कार्यान्वयन की समीक्षा के लेकर सरकार बहुत सतर्क है क्योंकि बेमौसम बारिश के कारण अत्यधिक आवक में लगभग एक महीने की देरी हो रही है। एसईए के अनुसार, सोयामील का निर्यात इस साल सितंबर में तेजी से घटकर 5,831 रुपये टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 68,576 टन था। सोपा के अनुसार, भारत का सोयाबीन उत्पादन पिछले साल के 104 लाख टन की तुलना में 118.9 लाख टन लाख टन होने का अनुमान है। यूएसडीए की मासिक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी उत्पादन 119 मिलियन टन की तुलना में पिछले महीने 1.79% बढ़कर 121 मिलियन टन रहने का अनुमान है लगाया गया है। विश्व बाजार में नरमी के रुझान के कारण खाद्य तेल की कीमतों में कुल मिलाकर स्थिरता रही है। अक्टूबर में कम निर्यात और नवंबर में अधिक उत्पादन की उम्मीद से मलेशियाई पॉम तेल वायदा कीमतों में गिरावट हुई है। डालियान का पॉम तेल वायदा 0.27% कम हुआ, जबकि सोया तेल का वायदा 1.03% कम हुआ है। सीबीओटी पर सोया तेल को कीमतों में 0.23% की गिरावट हुई है।
सितंबर में खाद्य तेल (17 लाख टन) के रिकॉर्ड आयात और सरकार द्वारा मार्च 2022 तक कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों दोनों के लिए शुल्क में कटौती करने के कारण अक्टूबर की शुरुआत से ही घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। लेकिन खाद्य पर उच्च शुल्क मूल्य और अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। रिफाइंड सोया तेल वायदा (नवंबर) के 1,260 रुपये स्तर पर सहारा के साथ 1,275 रुपये के स्तर पर पहुँचने संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (नवंबर) के तेजी के रुख के साथ 1,115-1,135 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 02 नवंबर 2021)
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