सोयाबीन वायदा (दिसम्बर) का कारोबार तेजी के रुझान के साथ कम दायरे में हुआ। अब कीमतों के 5,200-5,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है क्योंकि बाजार में नये सीजन की सोयाबीन की आवक हो रही है।
बेमौसम बारिश के कारण अत्यधिक आवक में लगभग एक महीने की देरी हो रही है। वर्तमान में सोयाबीन की कीमतें 3,950 रुपये प्रति 100 किलोग्राम के एमएसपी से काफी अधिक हैं। देश में कीमतों को नियंत्राण में रखने वाले तिलहन और खाद्य तेल पर स्टॉक सीमा के कार्यान्वयन की समीक्षा को लेकर सरकार बहुत सतर्क है। एसईए के अनुसार, सोयामील का निर्यात इस साल सितंबर में तेजी से घटकर 5,831 टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 68,576 टन था। सोपा के अनुसार, भारत का सोयाबीन उत्पादन पिछले साल के 104 लाख टन की तुलना में 118.9 लाख टन लाख टन होने का अनुमान है। यूएसडीए की मासिक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी उत्पादन 119 मिलियन टन की तुलना में पिछले महीने 1.79% बढ़कर 121 मिलियन टन रहने का अनुमान लगाया गया है। खाद्य तेल की कीमतों में पिछले सप्ताह गिरावट हुई है क्योंकि सॉल्वेंट एक्सटैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के सदस्यों ने दिवाली उत्सव को ध्यान में रखते हुये खाद्य तेलों की कीमतों में 3,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति टन की कमी करने का फैसला किया है। सितंबर में खाद्य तेल (17 लाख टन) के रिकॉर्ड आयात और सरकार द्वारा मार्च-2022 तक कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों दोनों के लिए शुल्क में कटौती करने के कारण अक्टूबर की शुरुआत से ही घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। अंतिम स्टॉक के अधिक रहने की उम्मीदों और निर्यात कम होने की अफवाहों के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में गिरावट हुई है। लेकिन खाद्य तेलों पर उच्च शुल्क मूल्य और अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी के कारण कीमतों को मदद मिल रही है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसम्बर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 1,220-1,290 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (नवंबर) की कीमतों में 1,010 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। (शेयर मंथन, 08 नवंबर 2021)
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