सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल 0.7% की बढ़त दर्ज की गयी। अब यदि कीमतें 5,800 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,100 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है।
आने वाले सीजन में स्टॉक कम होने की उम्मीद से लगातार पाँच सत्रों की बढ़त के बाद मुनाफा वसूली के कारण कल अमेरिकी सोयाबीन वायदा की कीमतों में गिरावट हुई। यूएसडीए की नवंबर मासिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है।
सोयामील की अधिक कीमतों के कारण अक्टूबर में निर्यात तेजी से घटकर 30,000 टन रह गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में 1.35 लाख टन हुआ था। कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए तिलहन और खाद्य तेल पर स्टॉक सीमा के कार्यान्वयन की समीक्षा को लेकर सरकार बहुत सतर्क है। खाद्य तेल की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई है। निचले स्तर की खरीदारी और बढ़ती माँग के कारण कीमतें अब धीरे-धीरे रिकवर हो रही हैं। एसईए के मासिक आँकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है
नवंबर की पहली छमाही के दौरान निर्यात में वृद्धि के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतें बढ़त के साथ बंद हुई। लेकिन लगातार उच्च कीमतों से माँग को लेकर चिंता बरकरार है। कार्गो सर्वेक्षकों के आँकड़ों के अनुसार 1-15 नवंबर के दौरान मलेशिया से निर्यात एक महीने पहले की तुलना में 10%-27% के बीच उछल गया। 2020-21 में भारत का पॉम तेल आयात एक साल पहले की तुलना में 15.2% बढ़कर 8.32 मिलियन टन हो गया, जबकि सोया तेल का आयात 15% कम होकर 2.87 मिलियन टन रह गया। खाद्य तेलों पर शुल्क मूल्य में बढ़ोतरी से गिरावट पर रोक लग रही है। रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,230-1,235 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,140-1,145 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 17 नवंबर 2021)
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