अधिक कीमतों पर मिलों की ओर से कम माँग के कारण कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल 1.8% की गिरावट हुई है।
अब कीमतें 32,090 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 30,800 रुपये स्तर तक लुढ़क सकती है। बाजारों में कपास की आवक बढ़ने लगी है। उत्पादन में संभावित गिरावट की आशंका के चलते नयी फसल की आवक के समय बाजारों में कपास की कीमतें अधिक हैं। वैश्विक स्तर पर कपास का शेष बचा स्टॉक भी कम है, जबकि चीन की ओर से आयात माँग अधिक बनी हुई है। 2021-22 में सीएआई ने कपास का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 7 लाख गांठ बढ़ाकर 360.13 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है।
मुनाफा वसूली और नये सीजन की आवक से ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल 2.7% की गिरावट के साथ बंद हुई। अब कीमतें 6,500 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 6,100 रुपये स्तर तक लुढ़क सकती है। वर्तमान में, कम उत्पादन अनुमान, स्टॉक के कई वर्षो के निचले स्तर पर पहुँचने और अच्छी निर्यात माँग के कारण कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% से अधिक हैं। नये सीजन में हाजिर बाजार में ग्वारसीड की आवक घटी है क्योंकि पिछले सप्ताह कीमतों में गिरावट हुई है। राजस्थान में इस सीजन में ग्वार का रकबा 21 लाख हेक्टेयर रह गया था, जो एक दशक में सबसे कम रकबा था। अमेरिकी कच्चे तेल के रिगों में बढ़ोतरी के कारण आने वाले हफ्तों में ग्वारगम के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।
कैस्टरसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल 1.2% की गिरावट के साथ बंद हुई है। कीमतें 6,300 रुपये तक लुढ़क सकती है। गुजरात में अधिक क्षेत्र के कारण, आने वाले सीजन में अधिक उत्पादन की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 6 महीनों में कैस्टरमील का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 16% बढ़ा है, जबकि कैस्टर ऑयल का निर्यात जुलाई-अगस्त 2021 के लिए वर्ष-दर-वर्ष कम है लेकिन अप्रैल-अगस्त की अवधि के लिए अधिक है। (शेयर मंथन, 16 नवंबर 2021)
Add comment