उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण दो दिनों तक गिरावट के बाद कल कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों में कल रिकवरी हुई है।
अब कीमतों के 34,460-35,320 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। जनवरी और फरवरी शिपमेंट के लिए बांग्लादेश में खरीदारों को लागत और माल ढुलाई-आधार पर भारतीय कपास लगभग 135 सेंट प्रति पाउंड, पेश किया जा रहा है जो अमेरिकी कपास की तुलना में लगभग 20 सेंट अधिक है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 65% अधिक हैं। बाजार सूत्रों के अनुसार कपास की दैनिक आवक 1.75 लाख गांठ रह गयी, जो पिछले साल 2.50 लाख गांठ थी। प्रतिकूल मौसम की वजह से पिछले साल के 360 लाख गांठ की तुलना में भारत में कपास का उत्पादन 340 लाख गांठ हो सकता है।
माँग में बढ़ोतरी के कारण ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई है। कीमतों के 6,350 रुपये पर सहारा के साथ 6,550 के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 63% अधिक हैं। अक्टूबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 60% बढ़कर 27,150 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-सितंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 46% बढ़कर 1.85 लाख टन हो गया।
कैस्टरसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में कल 1.6% की बढ़ोतरी हुई है और अब कीमतों के 6,100 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। पिछले एक महीने में अरंडी बीज की कीमतो में 10% की गिरावट हुई है क्योंकि सितंबर-नवंबर के दौरान निर्यात पिछले साल के 1.65 लाख टन की तुलना में 16% घटकर 1.39 लाख टन रह गया। इसी तरह, (अगस्त-नवंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 32% की गिरावट हुई है। लेकिन कृषि मंत्रालय के अग्रिम अनुमानों के अनुसार कम रकबा होने के कारण अरंडी का उत्पादन पिछले तीन वर्षों में सबसे कम 15.98 लाख टन होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 12 जनवरी 2022)
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