मसाला उद्योगों की ओर से बढ़ती माँग के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें शुक्रवार को 5.4% की उछाल के साथ बंद हुई।
निर्यात माँग बढ़ रही है। अब यदि कीमतें 9,300 रुपये के स्तर को पार करती है तो 9,700 रुपये तक बढ़त जारी रह सकती है। कीमतों को 9,100 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। वर्तमान में, कीमतें पिछले साल की तुलना में लगभग 13% अधिक हैं। नये सीजन की हल्दी की आवक बाजार में कम हो रही है और सीजन बढ़ने के साथ निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। 2021-22 सीजन के लिए सरकार के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में हल्दी का उत्पादन 11.76 लाख टन होने का अनुमान है, जो 2020-21 में 11.24 लाख टन था। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में हल्दी का निर्यात दिसंबर 2021 के 14,275 टन की तुलना में 25% घटकर 10,600 टन रह गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) में, निर्यात पिछले साल की तुलना में 20.1% घटकर 1.27 लाख टन रह गया है लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 9.2% अधिक है।
निचले स्तर पर खरीदारी के कारण जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतों में शुक्रवार को 4% से अधिक की बढ़ोतरी हुई। लेकिन चीन में कोरोना के प्रकोप के कारण निर्यात माँग कम हो रही है। अब कीमतें 22,150 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 22,800 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। स्थिर आवक के बीच निर्यात माँग में बढ़ोतरी की संभावना से खरीदारी हुई। बुआई क्षेत्र में गिरावट और घरेलू माँग में सुधार की खबरों के कारण वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 53.3% अधिक हैं। बागवानी फसलों के पहले सरकारी अग्रिम अनुमान के अनुसार 2021-22 में जीरे का उत्पादन 7.25 लाख टन होने का अनुमान है, जो 2020-21 में 7.95 लाख टन उत्पादन हुआ था। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में जीरा निर्यात 19% बढ़कर 14,725 टन हो गया, जबकि दिसंबर 2021 में 12,385 रुपये टन था। लेकिन अप्रैल-जनवरी में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 23% घटकर 1.88 लाख टन रह गया है जबकि पिछले साल 2.44 लाख टन हुआ था।
अधिक निर्यात माँग के कारण धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें शुक्रवार को 5.5% की उछाल के साथ बंद हुई। अब कीमतें 10,900 रुपये पर अड़चन के साथ 11,080 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। हाजिर बाजारों में आवक स्थिर होने के बीच माँग में बढ़ोतरी हुई है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण रोमानिया और बुल्गारिया से धनिया की आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारतीय बाजार का मदद मिलेगा। वर्तमान में सामान्य की तुलना में कम रकबे के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 64.4% अधिक हैं और जनवरी 2022 के बाद से 34% अधिक हैं। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में धनिया का निर्यात दिसंबर 2021 में 4,630 टन की तुलना में 15% कम होकर 3,590 टन रह गया है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात पिछले साल के 48,350 टन से 15% घटकर 41,100 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 04 अप्रैल 2022)
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