सर्राफा की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है। मगर निचले स्तर पर खरीदारी की जा सकती है।
अगले महीने में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना से डॉलर के मजबूत होने के कारण पिछले कारोबार में सोने की कीमतों में एक महीने के निचले स्तर पर गिरावट के बाद आज स्थिरता देखी जा रही है।
सोने की कीमतों को 31,150 रुपये के नजदीक बाधा और 30,850 रुपये के नजदीक सहारा, जबकि चांदी की कीमतों को 37,100 रुपये के नजदीक रुकावट और 36,600 रुपये के नजदीक सहारा रह सकता है। अक्टूबर में अमेरिकी उत्पादक कीमतों में अनुमान से अधिक बढ़ोतरी हुई है, जो पिछले छह वर्षो में सबसे तेज रही है।
अमेरिकी कमोडिटी वायदा कारोबार आयोग के अनुसार पिछले हफ्ते में कॉमेक्स में हेज फंडों और मनी मैनेजरों ने सोना वायदा में कुल शॉर्ट पोजिशन में कमी की है। एशियाई देशों में कम कारोबार के बावजूद भारत में वैवाहिक सीजन के दौरान सोने की फिजिकल माँग में तेजी आने की संभावना है। (शेयर मंथन, 12 नवंबर 2018)
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