ओपेक द्वारा अधिक उत्पादन किये जाने की संभावना से कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुख के साथ कारोबार करने की संभावना है।
रूस ने संकेत दिया है कि वह धीरे-धीरे तेल का उत्पादन बढ़ा सकता है। विश्व बाजार में तेल आपूर्ति की अधिकता को कम करने के लिए रूस ओपेक के साथ जनवरी 2017 से ही तेल उत्पादन में कटौती कर रहा है। लेकिन रूस के ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि यदि ओपेक और गैर ओपेक देश देखते है कि जून में तेल बाजार में संतुलन हो गया है तो वे करार को समाप्त कर सकते हैं। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से रूस और ओपेक देश काफी लाभन्वित हुए हैं। इस वर्ष में तेल की कीमतों में 20% की बढ़ोतरी हुई है। एमसीएक्स में कीमतों को 4,900 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है और कीमतों में 4,800 रुपये तक गिरावट हो सकती है। पिछले दो वर्षो में अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन लगभग 25% बढ़ कर 10.73 मिलियन बैरल प्रति दिन के स्तर पर पहुँच गया है।(शेयर मंथन, 25 मई 2018)