कच्चे तेल की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों को 3,075 रुपये के स्तर पर सहारा और 3,350 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है। कल के कारोबार में तेल की कीमतों में गिरावट के बाद आज अमेरिकी तेल की कीमतो में बढ़त देखी जा रही है। लेकिन अधिक आपूर्ति और विश्व स्तर पर माँग में कमी की आशंका के कारण कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
पिछले कारोबार में ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें 4.24% की गिरावट के साथ 52.16 डॉलर पर पहुँच गयी थीं, जबकि डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल की कीमतें 3.48% की गिरावट के बाद आज 3.07% की बढ़त के साथ 45.98 डॉलर पर कारोबार कर रही हैं। आज अमेरिकी सरकारी कच्चे तेल के भंडार के आँकड़ें जारी किये जायेगें।
इस बीच रूस के ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि बढ़ते संरक्षणवाद और अमेरिकी प्रशासन की अनिश्चितता के कारण पिछले दो वर्षो में तेल की कीमतों में अस्थिरता बढ़ी है। ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि रूस 2019 की पहली छमाही में 3 से 5 मिलियन बैरल की कटौती करेगा।
नेचुरल गैस की कीमतों के 230-251 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। अमेरिका में सामान्य से कम तापमान के बाद माँग में बढ़ोतरी की संभावना से अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में लगभग 3% की उछाल दर्ज की गयी। (शेयर मंथन, 28 दिसंबर 2018)