तेल की कीमतें 2,780-3,200 रुपये की एक बड़े दायरे में कारोबार करना जारी रख सकती हैं, जहाँ उच्च स्तर बिकवाली देखी जा सकती है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी और बढ़ती आपूर्ति के कारण माँग में बढ़ोतरी को लेकर संदेह बना हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने इस वर्ष के लिए अपने तेल माँग के अनुमान को कम कर दिया है, और कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण कम हवाई यात्रा से इस साल वैश्विक तेल खपत में 8.1 मिलियन बैरल प्रति दिन की कमी आयेगी। ओपेक ने भी कहा कि इस साल विश्व स्तर पर तेल की माँग 9.06 मिलियन बैरल प्रति दिन घट जायेगी जबकि एक महीने पहले 8.95 मिलियन बैरल प्रति दिन गिरावट की उम्मीद है। रूसी ऊर्जा मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि ओपेक और उसके सहयोगियों की एक निगरानी समिति, जिसे ओपेक प्लस के रूप में जाना जाता है, की अगले हफ्ते की बैठक में उन्हे उत्पादन में कटौती को लेकर कोई जल्दबाजी में निर्णय लेने की उम्मीद नहीं थी। पिछले महीने ओपेक प्लस ने वैश्विक तेल माँग में धीरे-धीरे बढ़ोतरी को देखते हुये दिसंबर तक 9.7 मिलियन बैरल प्रति दिन की कटौती के बजाया केवल 7.7 मिलियन बैरल प्रति दिन तक ही कटौती करने का फैसला किया था। बाजार अभी भी एक अमेरिकी स्टीमुलस पैकेज की प्रतीक्षा कर रहा हैं और अमेरिका-चीन के बीच 15 अगस्त को होने वाली व्यापार वार्ता पर नजर बनाये हुये हैं। इस हफ्ते हम कच्चे तेल की कीमतों में देख सकते हैं जहाँ कीमतों को 2,720 रुपये के पास सहारा और 3,380 रुपये के पास बाधा का समाना करना पड़ सकता है।
अमेरिका में मौसम के गर्म रहने और अगले दो सप्ताह के दौरान एयर कंडीशनिंग की माँग अधिक रहने, उत्पादन में सुस्ती और लिक्विफाइड नेचुरल गैस के निर्यात में बढ़ोतरी के कारण अमेरिकी नेचुरल गैस की कीमतों में बढ़त दर्ज की गयी। कीमतों में यह वृद्धि पिछले हफ्ते मौसम से अधिक गर्म होने के बाद अमेरिकी नेचुरल गैस के भंडार में अनुमान से अधिक बढ़ोतरी के बावजूद हुई है। इस सप्ताह नेचुरल गैस की कीमतें 145-176 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 17 अगस्त 2020)