कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना हैं और कीमतों को 3,020 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 2,860 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
दुनिया का सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश में कोरोना वायरस प्रकोप के बढ़ने आर्थिक सुधर की गति धीमी रहने और यूरोप में भी कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के कारण वहाँ नये यात्रा प्रतिबंध लगने से माँग में कमी आने की आशंका से आज तेल की गिरावट हुई है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह अमेरिकी बेंचमार्क कच्चे तेल और ईंधन भंडार में गिरावट के बाद दोनों बेंचमार्क की कीमतों में कल थोड़ी बढ़ोतरी हुई थी। गैसोलीन काभंडार अनुमान से अधिक 4 मिलियन बैरल कम हो गया और डिस्टिलेट का भंडार, जिसमें डीजल और जेट ईंधन शामिल हैं, 3.4 मिलियन बैरल कम हुआ है। लेकिन सितंबर में अमेरिकी व्यापार गतिविधि धीमी होने के बाद कीमतों में गिरावट आयी।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने रिकवरी के बाधित होने की बात कही है और ब्रिटेन और जर्मनी ने नए कोरोना वायरस संक्रमणों को देखते हुये यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया। बाजार लीबिया से निर्यात फिर से शुरू होने को लेकर सावधान है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह वॉल्यूम कितनी तेजी से बढ़ सकता है। लीबिया के नेशनल ऑयल कॉर्प (एनओसी) अगले हफ्ते तक 2,60,000 बैरल प्रति दिन तक उत्पादन को बढ़ावा देना चाहता है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी दर्ज की जा सकती है और कीमतों में 149 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 162 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 25 सितंबर 2020)