कच्चे तेल की कीमतों के एक बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,070 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 2,940 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कल कच्चे तेल की कीमतों में 2% की तेजी के बाद अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में गिरावट के कारण आज भी कीमतों में बढ़त देखी जा रही है। पूरे यूरोप में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों और संयुक्त राज्य अमेरिका में, दुनिया का सबसे बड़ा तेल उपभोक्त, आर्थिक विकास को बाधित होने की आशंका के बावूजद आज तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने मंगलवार को अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा कि 2021 में तेल की माँग प्रति माह 6.54 मिलियन बैरल प्रति दिन बढ़कर 96.84 मिलियन बैरल प्रति दिन रहने का अनुमान है जो पिछले महीने के अनुमान की तुलना में 80,000 बैरल प्रति दिन कम होगी। संयुक्त अरब अमीरात के ऊर्जा मंत्री सुहैल अल-मजरौई ने कहा है कि ओपेक और सहयोगी, जैसे रूस, जिन्हे ओपेक प्लस के नाम से जाना जाता है, जनवरी से तेल उत्पादन में कटौती करने की अपनी योजना पर टिके रहेंगे। ओपेक प्लस के अनुसार सितंबर में तेल आपूर्ति में कटौती के अपने समझौते का 102% अनुपालन किया गया है।
नेचुरल गैस की कीमतों में उठापटक के साथ तेजी रह सकती है और कीमतों में 193 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 209 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 15 अक्टूबर 2020)