कच्चे तेल की कीमतें 2,850-3,020 रुपये के कम दायरे में फंसी हुई हैं, लेकिन पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में रिकवरी देखी गयी है।
लेकिन कोविड-19 संक्रमण में फिर से वृद्धि ने आर्थिक विकास के बाधित रहने और ईंधन की माँग में कमी की संभावना को बढ़ा दिया। यूरोप में, कुछ देश कोरोना वायरस मामलों में वृद्धि पर रोक लगाने के लिए कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रहे है। ब्रिटेन ने लंदन में कड़े प्रतिबंध लगाये है। ईआईए के अनुसार अमेरिकी कच्चे के भंडार में तेज गिरावट हुई है, क्योंकि तूफान डेल्टा के कारण अपतटीय तेल उत्पादन बंद था, जबकि डिस्टिलेट भंडार में 2003 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की है क्योंकि रिफाइनरियां बंद थी। पिछले चार हफ्तों में, रिफाइनरियों ने एक साल पहले की तुलना में 7.5% कम उत्पाद की आपूर्ति की है, और कई राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण में वृद्धि को देखते हुये, ईंधन की माँग कमजोर रह सकती है। ओपेक और उसके सहयोगी देशों ने 7.7 मिलियन बैरल प्रति दिन की मौजूदा कटौती की तुलना में जनवरी से 2 मिलियन बैरल प्रति दिन कम कटौती करेंगे। पेट्रोलियम निर्यातक देशों (ओपेक) और संबद्ध तेल उत्पादकों के संगठन की एक तकनीकी समिति ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सामाजिक प्रतिबंध के कारण तेल की कम होती माँग को लेकर चिंता व्यक्त की और अपने वैश्विक तेल उत्पादन में कटौती के अनुपालन की समीक्षा की। ओपेक के महासचिव ने कहा कि माँग अपेक्षा से अधिक धीरे-धीरे ठीक हो रही है और ओपेक प्लस यह सुनिश्चित करेगा कि तेल की कीमतें नवंबर के अंत में फिर से कम न हों। इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमतें 2,740-3,280 रुपये के दायरे में काफी अस्थिरता के साथ कारोबार कर सकती है, जहाँ बाधा के पास बिक्री का दबाव देखा जा सकता है।
अमेरिकी नेचुरल गैस की कीमतें पिछले सप्ताह 11 से अधिक महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी। सर्दियों में अनुमान से अधिक ठंड के बाद हीटिंग में इस्तेमाल होने वाले ईंधन की माँग की संभावना से कीमतों को मदद मिल रही है। इस सप्ताह नेचुरल गैस की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 180-230 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 19 अक्टूबर 2020)