कच्चे तेल की कीमतों के एक बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,050 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 2,920 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कोविड-19 महामारी के कारण आपूर्ति में रिकॉर्ड कटौती करने के लिए तैयार रहने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के संकेत के बाद कि आज तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस यह नहीं मानता है कि प्रमुख तेल उत्पादकों को वैश्विक आपूर्ति में कटौती पर समझौते में बदलाव करने की आवश्यकता है, लेकिन अगर बाजार की स्थिति में गिरावट हुई तो तेल कटौती को बढ़ाने से इनकार नहीं किया। उनका यह बयान दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादकों में से एक रूस की ओर से अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत है कि महामारी के कारण माँग में कम को देखते हुये उत्पादन पर अभूतपूर्व अंकुश लगाने के लिए तैयार है। रूस ने उत्पादन में कटौती करने के लिए सऊदी अरब के नेतृत्व वाले पेट्रोलियम निर्यातक संगठन (ओपेक) के साथ गठबंधन किया है जो कि वर्ष के अंत में उठाये जाने वाले हैं। विश्लेषकों का कहना है कि यूरोप और अमेरिका में कोविड-19 के नये संक्रमणों से कीमतों पर दबाव रहने की संभावना है क्योंकि कोरोना वायरस को रोकने के लिए प्रतिबंध के कारण ईंधन की माँग पर अधिक दबाव रह सकता हैं।
नेचुरल गैस की कीमतों में उठापटक के साथ तेजी रह सकती है और कीमतों में 214 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 226 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 23 अक्टूबर 2020)