कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तीसरे सप्ताह वृद्धि हुई है, लेकिन कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि और कई देशों में नये सिरे से लॉकडाउन के बाद माँग को लेकर चिंता के कारण बढ़त सीमित रही है।
सीओवीआईडी-19 वैक्सीन की संभावना और ओपेक और उसके सहयोगी देशों द्वारा उत्पादन को नियंत्राण में रखने के प्रस्ताव से पिछले सप्ताह तेल बाजारों में तेजी आयी है। कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि से माँग में रिकवरी पर संदेह जारी है, जिससे ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी सीमित हुई है। कोविड-19 महामारी की एक नयी लहर के बीच कमजोर माँग से निपटने के लिए, सऊदी अरब ने ओपेक प्लस समूह के साथी सदस्यों को तेल बाजार की जरूरतों के अनुरूप लचीला होने की अपील की है। एशिया से तेल की माँग मजबूत हुई है और बाजारों को उम्मीद है कि ओपेक और उसके सहयोगी अपने उत्पादन में कटौती को आगे बढ़ा सकते हैं। वाशिंगटन में एक स्टीमुलस सौदे पर हलचल के संकेतों से तेल की कीमतों को मदद मिली है। छुट्टियों से पहले स्टीमुलस पर किसी भी समझौते से कच्चे तेल की कीमतें मौजूदा ट्रेडिंग दायरे की ऊपरी सीमाओं के पास बनी रह सकती है। इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमतें 2,960-3,200 रुपये के दायरे में काफी अस्थिरता के साथ कारोबार कर सकती है, जहाँ अड़चन के पास बिक्री का दबाव देखा जा सकता है।
नेचुरल गैस के भंडार में अनुमान से अधिक बढ़ोतरी के कारण कल नेचुरल गैस की कीमतों में गिरावट हुई है। एनओए के अनुसार कैरेबियन क्षेत्रों में एक तूफान पैदा हो रहा है जिसके अगले 48 घंटों के दौरान उष्णकटिबंधीय चक्रवात बनने की संभावना शून्य है। एनओए के अनुसार अगले 6-10 और 8-14 दिनों में मौसम सामान्य से अधिक गर्म रहने की उम्मीद है जिससे कीमतों पर दबाव जारी रह सकता है। इस सप्ताह नेचुरल गैस की कीमतें नरमी के रुझान के साथ कारोबार कर सकती है क्योंकि मध्यम अवधि की गति नकारात्मक हो गयी है। नेचुरल गैस की कीमतों को 215 रुपये के पास अल्पकालिक प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है और सहारा 180 रुपये के पास देखा जाता है। (शेयर मंथन, 23 नवंबर 2020)