कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,890 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,795 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
बढ़ती कोरोना वायरस मौतों ने ईंधन की वैश्विक माँग को लेकर चिंता में बढ़ोतरी लेकिन सऊदी अरब में विस्फोट से नुकसान नहीं होने की खबर से कीमतों की बढ़ोतरी पर रोक के बाद आज तेल की कीमतों में थोड़ा बदलाव हुआ है। अमेरिकी पेट्रोलियम संस्था के आँकड़ों के अनुसार 22 जनवरी को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार 5.3 मिलियन बैरल घटकर लगभग 48.18 मिलियन बैरल रह जाने के बाद अमेरिकी कच्चा तेल वायदा की कीमतों में रिकवरी हुई जबकि ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें बढ़त के साथ बंद हुई। इंडोनेशिया, दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश, में कोरोना वायारस के मामलें एक लाख एक लाख से अधिक हो गया है जबकि ब्रिटेन में मरने वालों की संख्या 10,000 रुपये को पार कर गयी जबकि सरकार ने टीकाकरण वितरण में तेजी लाने और वायरस के वेरिएंट को काबू में रखने के लिए लडाई तेज कर दिया हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना के मामलों की संख्या रविवार को 25 मिलियन को पार कर गयी। चीन कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जो दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता में माँग की संभावनाओं के बारे में अधिक जानकारी देता है। अन्य जगहों पर दिसंबर में भारतीय कच्चे तेल का आयात दो साल से अधिक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी उठापटक होने की संभावना है और कीमतों को 189 रुपये के स्तर पर अड़चन और 183 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। (शेयर मंथन, 27 जनवरी 2021)