यूरोप में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी को लेकर चिंता और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के कारण कच्चे तेल की कीमतें लगभग 12% लुढ़ककर दो हफ्तों में सबसे कम हो गयी हैं।
यूरोप में नियमित रुप से गर्मी नहीं पड़ने की बढ़ती चिंता के कारण भी कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हो रही है। यूरोप में टीकाकरण कार्यक्रमों की धीमी गति और कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए अधिक प्रतिबंधें की संभावना से ईंधन के उपयोग में बढो़तरी की उम्मीद नही है। भारत से एस्ट्राजेनेका टीके की लाखों खुराक के निर्यात में देरी और अतिरिक्त 1.7 मिलियन खुराक की स्थिरता का परीक्षण करने की आवश्यकता के कारण ब्रिटेन को अगले महीने अपने कोविड-19 वैक्सीन रोलआउट को धीमा करना
होगा। व्यापारियों ने कहा है कि 12 मार्च को डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल के बैकवॉर्डेशन से कंटैंगो की रूख करने, जहाँ फ्रंट-महीने की कीमतें दूसरे महीने की तुलना में सस्ती होती है, के कारण तेल भंडार में बढ़ोतरी हो सकती है। कंटैंगो में नरमी का रुझान है क्योंकि यह कच्चे तेल को भंडारण को प्रोत्साहित करता है। इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमतों में भारी अस्थिरता रह सकती है और कीमतें नरमी के रुझान के साथ 3,980-4,720 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है, जहाँ अड़चन के पास बेचना रणनीति होगी। पेट्रोकेमिकल आउटेज के परिणामस्वरूप नेचुरल गैस की औद्योगिक माँग पहले से ही कमजोर हो गयी है, जबकि सामान्य ये अधिक गर्म मौसम के कारण ने हफ्ते-दर-हफ्ते आवासीय और वाणिज्यिक माँग के अनुमानों में 5 बीसीएफ प्रति दिन की कमी हो रही है। अगले 6-10 दिनों के साथ-साथ अगले 8-14 दिनों के दौरान मौसम के पूर्वी तट के सामान्य से अधिक गर्म रहने की उम्मीद है।
इस सप्ताह में, उम्मीद है कि नेचुरल गैस की कीमतें एक दायरे में कारोबार कर सकती हैं, जहाँ कीमतों को 175 रुपये के पास सहारा और 192 रुपये के पास बाधा देखा जा सकता है। (शेयर मंथन, 22 मार्च 2021)