कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। कीमतों को 5,120 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 5,020 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कोविड-19 संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए अधिक प्रतिबंध लगाये जाने से माँग में बढ़ोतरी के बारे में नये सिरे से चिंताओं के कारण आज शुरुआती सत्र तेल की कीमतों में नरमी है। अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट के कारण तेल की कीमतों में बुधवार तक लगभग 10% की बढ़ोतरी हुई है। कुल ईंधन की माँग मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक हो गयी। लेकिन माँग की तस्वीर पूरी तरह से तेज नहीं है। ईआईए के आँकड़ों के अनुसार, डिस्टिलेट भंडार, जिसमें डीजल और जेट ईंधन शामिल हैं, पिछले सप्ताह 0.6 मिलियन बैरल बढ़कर 138.46 मिलियन बैरल हो गया, जबकि अनुमान 0.3 मिलियन बैरल की गिरावट का था। तेल के भंडार में 3 मिलियन बैरल की गिरावट हुई जो 2.7 मिलियन-बैरल की गिरावट के रॉयटर्स पोल में विश्लेषकों की अपेक्षाओं से थोड़ा अधिक है।जनवरी 2020 के बाद से कच्चे तेल का स्टॉक अपने सबसे निचले स्तर पर 432.6 मिलियन बैरल पर पहुँच गया है।
नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 287 रुपये के स्तर पर सहारा और 295 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। एनओएए के अनुसार, अगले 2 सप्ताह तक मौसम सामान्य से अधिक गर्म रहने की उम्मीद है। इस सप्ताह में घरेलू खपत में गिरावट हुई लेकिन कुल मिलाकर माँग बढ़ी है। (शेयर मंथन, 26 अगस्त 2021)