कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का रुझान रह सकता है। कीमतों को 5,370 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 5,250 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
ईंधन की माँग बढ़ने और कच्चे तेल के भंडार में गिरावट के कारण कल तेल की कीमतों में हुई बढ़त आज भी जारी है जबकि दो तूफानों के बाद मेक्सिको की खाड़ी में तेल उत्पादन में बाधा बनी हुई है। चीन एवरग्रांडे के ऋ2ण संकट से संभावित प्रभाव की आशंका बुधवार को अस्थायी रूप से कम हो गयी, जब संपत्ति डेवलपर ने घरेलू बांड पर ब्याज भुगतान का निपटान करने के लिए सहमति व्यक्त की, जबकि चीनी केंद्रीय बैंक ने बैंकिंग प्रणाली में नकदी बढ़ाने का फैसला लिया। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के आँकड़ों के अनुसार 17 सितंबर को समाप्त के लिए अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार 3.5 मिलियन बैरल गिरकर 414 मिलियन बैरल रह गया है जो अक्टूबर 2018 के बाद सबसे कम है। यह रॉयटर्स सर्वेक्षण के 2.4 मिलियन बैरल की गिरावट की तुलना में अधिक गिरावट है। ईआईए के आँकड़ों से पता चलता है कि यात्रा प्रतिबंधें में ढील के बाद ईंधन की अधिक माँग के संकेत के रूप में ईस्ट कोस्ट रिफाइनरी उपयोग दर बढ़कर 93% हो गयी, जो मई 2019 के बाद से उच्चतम दर है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अगले साल दरों में बढ़ोतरी उम्मीद से ज्यादा तेज करने के संकेत के बाद अमेरिकी डॉलर एक महीने के उच्च स्तर पर पहुँचने के बावजूद तेल की कीमतों में वृद्धि हुई।
नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 349 रुपये के स्तर पर सहारा और 362 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 23 सितम्बर 2021)