कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रह सकती है। कीमतों के 6,120-6,220 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
तेल की कीमतें आज इस वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद से माँग में रिकवरी जारी है। बिजली जनरेटर के लिए महँगी गैस और कोयले से तेल और डीजल की ओर रूख के कारण माँग को बढ़ावा मिला है। ऊर्जा सेवा फर्म बेकर ह्यूजेस कंपनी के अनुसार अमेरिकी तेल और गैस रिगों की संख्या 15 अक्टूबर को समप्त में 10 बढ़कर 543 हो गया है जो अप्रैल 2020 के बाद से उच्चतम स्तर है। इस बीच, बिजली की कमी, आपूर्ति बाधाओं और छिटपुट कोविड-19 के प्रकोप के कारण चीन की अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में एक साल में सबसे धीमी गति से बढ़ी है। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता ने 2021 के लिए स्वतंत्रा रिफाइनर के लिए तेल आयात कोटा का एक नया बैच जारी किया, जिससे पता चलता है कि कुल वार्षिक कोटा पिछले साल की तुलना में कम रहे है। 2015 में इन फर्मों को बाजार में आने के बाद से आयात परमिट में पहली कमी की गयी है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने अपनी नवीनतम मासिक रिपोर्ट में 2021 में विश्व स्तर पर तेल माँग में वृद्धि पूर्वानुमान में कटौती की। लेकिन 2022 में माँग अनुमान को बरकरार रखा है।
नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 400 रुपये के स्तर पर सहारा और 415 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 18 अक्टूबर 2021)