कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रह सकती है। कीमतों के 6,120-6,220 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
चीन के आर्थिक विकास के धीमा होने और सितंबर में अमेरिकी कारखाने के उत्पादन में गिरावट के कारण माँग कम होने की आशंका से आज तेल की कीमतों में नरमी देखी जा रही है। कोरोना वायरस महामारी से धीमी रिकवरी के बीच माँग के कम होने की चिंताओं के कारण कीमतों पर दबाव है। संयुक्त राज्य अमेरिका में कारखाना उत्पादन पिछले महीने सात महीनों में सबसे अधिक गिरा क्योंकि अर्धचालकों की वैश्विक स्तर पर कमी ने ऑटो उत्पादन को धीमा कर दिया है। चीन में, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, की विकास दर में गिरावट एक साल के निचले स्तर पर आ गयी है क्योंकि देश में ऊर्जा की कमी और कोरोना वायरस के छिटपुट प्रकोप के कारण विकास में बाधयें आयी है। चीन की कच्चे तेल की प्रतिदिन प्रसंस्करण दर पिछले महीने फिर गिरकर पिछले साल मई के बाद के सबसे निचले स्तर पर आ गयी। अमेरिकी तेल उत्पादन बढ़ रहा है। एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में सबसे बड़े शेल निर्माण में उत्पादन अगले महीने और बढ़ने की उम्मीद है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने अपनी नवीनतम मासिक रिपोर्ट में 2021 में विश्व स्तर पर तेल माँग में वृद्धि पूर्वानुमान में कटौती की। लेकिन 2022 में माँग अनुमान को बरकरार रखा है।
नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 375 रुपये के स्तर पर सहारा और 386 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 19 अक्टूबर 2021)