कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 6,020-6,120 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
आज तेल की कीमतों में बढ़त देखी जा रही है क्योंकि अमेरिकी बुनियादी ढाँचा विधेयक, चीनी निर्यात और वैश्विक महामारी के बाद की रिकवरी से ईंधन की माँग के आउटलुक में बढ़ोतरी से कीमतों को मदद मिल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के लंबे समय से रूके हुये 1 ट्रिलियन डॉलर के इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल-जो सप्ताहांत में कांग्रेस में पारित हुआ-और अनुमान से बेहतर चीनी निर्यात के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था की अधिक बेहतर तस्वीर सामने आयी है। अमेरिकी बैंक ने यह भी कहा कि नवंबर में तेल की वैश्विक माँग पहले ही महामारी पूर्व स्तर लगभग 100 मिलियन बैरल प्रति दिन पर वापस आ गयी है। लेकिन प्रमुख उत्पादकों ने अक्टूबर में सख्त आपूर्ति अनुशासन बनाये रखा और तेल की कीमतें सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और रूस जैसे सहयोगी, दिसंबर से प्रति दिन 4,00,000 बैरल तेल उत्पादन बढ़ाने की अपनी योजना पर कायम रहने के लिए पिछले सप्ताह सहमत हुये। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तेल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए ओपेक प्लस से अधिक बैरल का उत्पादन करने का आ“वान किया था और शनिवार को कहा था कि उनके प्रशासन के पास तेल की उच्च कीमत से निपटने के लिए ‘अन्य उपकरण’ हैं। ऊर्जा सचिव जेनिपफर ग्रानहोम ने सोमवार को कहा कि बाइडेन इस सप्ताह की शुरुआत में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को संबोधित करने के लिए उपाय कर सकते हैं।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 407 रुपये के स्तर पर सहारा और 415 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 09 नवंबर 2021)