बेस मेटल की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना हैं। तांबे की कीमतों के 739-749 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
आपूर्ति को लेकर चिंताओं के कारण चीन में बेस मेटल की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई है जबकि ओमाइक्रोन कोरोना वायरस के बारे में चिंताओं के कम होने और उत्साहित अमेरिकी आर्थिक आँकड़ों के कारण भी कीमतों को मदद मिली है। यूरोप में बिजली की बढ़ती कीमतों के कारण, कुछ अलौह उत्पादन क्षमता, जैसे कि जस्ता और एल्युमीनियम, एक बार फिर प्रतिबंधित कर दिया गया है। इंटरनेशनल कॉपर स्टडी ग्रुप के अनुसार 24 मिलियन टन वार्षिक तांबे के बाजार में सितंबर में 57,000 टन की कमी देखी गयी। जापान के पैन पैसिफिक कॉपर को उम्मीद है कि नयी खदानों से अतिरिक्त आपूर्ति के कारण 2022 में तांबे की औसत कीमत इस साल के 9,300 डॉलर से घटकर 8,600 डॉलर प्रति टन हो जायेगी।
जिंक में खरीदारी होने की संभावना है और कीमतों को 291 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 286 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता हैं। बिजली की अधिक कीमतों ने कुछ जिंक स्मेल्टरों को परिचालन स्थगित करने के लिए मजबूर किया है और कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सर्दियों के दौरान स्थिति कठिन बनी रहेगी। लेड की कीमतें 184-189 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। चीनी रिसर्च हाउस एंटाइके ने कहा कि 2022 में लेड की माँग को बढ़ावा मिल सकता है क्योंकि बैटरी निर्माता लिथियम के सस्ते विकल्प के रूप में लेड का चुनाव कर सकते हैं। निकल में खरीदारी हो सकती है और कीमतों को 1528 के स्तर पर सहारा के साथ 1,560 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है।
एल्युमीनियम की कीमतों को 226 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 230 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। इंटरनेशनल एल्युमीनियम इंस्टीट्यूट के आँकड़ों से पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर प्राथमिक एल्युमीनियम उत्पादन नवंबर में सालाना आधार पर 0.22% गिरकर 5.497 मिलियन टन रह गया। (शेयर मंथन, 24 दिसंबर 2021)