नये वर्ष से पहले मामूली कारोबार के कारण बेस मेटल की कीमतें एक दायरे में कारोबार कर सकती है। कीमतों को इस आधार पर नयी दिशा मिल सकती है कि तेजी से फैल रहा ओमाइक्रोन कोरोना वायरस संस्करण वैश्विक माँग को कैसे प्रभावित करता है।
यूरोप में ऊर्जा की बढ़ती कीमतों ने जिंक और एल्युमीनियम की उच्च उत्पादन लागत और स्मेल्टर बंद होने की चिंताओं को बढ़ा दिया। तांबे की कीमतें 748-760 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। चीन में माँग में धीमी वृद्धि की संभावना और पेरू में एंग्लो अमेरिकन की क्वेलावेको खदान जैसे परिचालन से आपूर्ति बढ़ने से कीमतों पर दबाव रहने की संभावना है। लेकिन एमएमजी लिमिटेड की लास बंबास तांबे की खान ने कहा कि पेरू में तांबा परिवहन की प्रमुख सड़क को प्रभावित करने वाली एक महीने की नाकाबंदी को हटाने के लिए एक अस्थायी समझौता स्थायी तरीके से संचालन को फिर से शुरू करने की शर्तों की गारंटी नहीं देता है। जापान के पैन पैसिफिक कॉपर को उम्मीद है कि नयी खदानों से अतिरिक्त आपूर्ति से 2022 में तांबे की औसत कीमत इस वर्ष के 9,300 डॉलर से घटकर 8,600 डॉलर प्रति टन हो जायेगी। इंटरनेशनल कॉपर स्टडी ग्रुप के अनुसार, अगले साल खदानों से आपूर्ति 3.9% बढ़कर लगभग 22 मिलियन टन होने की उम्मीद है, जिससे रिफाइंड बाजार में 3,28,000 टन सरप्लस रह सकता है। निकल की कीमतें 1,540-1,565 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
जिंक की कीमतें 285-295 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। बिजली की अधिक कीमतों ने कुछ जिंक स्मेल्टरों को परिचालन स्थगित करने के लिए मजबूर किया है और कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सर्दियों के दौरान स्थिति कठिन बनी रहेगी। लेड की कीमतें 184-188 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
एल्युमीनियम की कीमतें 225 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 232 रुपये स्तर पर पहुँच सकती है। पश्चिमी यूरोप में बिजली की कमी से वैश्विक एल्युमीनियम क्षमता के 6% से कम प्रभावित होने और उत्पादन में 5,00,000 मिलियन टन की कमी होने की उम्मीद है, जो 2022 में चीन से बाहर नयी क्षमता से अभी भी कम है। (शेयर मंथन, 28 दिसंबर 2021)