तेल की कीमतें लगभग 120 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गयी है जो लगभग एक दशक में सबसे अधिक है, क्योंकि प्रतिबंधें के कारण रूसी तेल की बिक्री बाधित हो गयी है लेकिन ईरान परमाणु समझौते के फिर से लागू होने बढ़ती संभावनाओं से तेल की अतिरिक्त आपूर्ति बढ़ने की संभावना से कीमतों की तेजी पर कुछ रोक लगी।
अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार के कई वर्षो के निचले स्तर पर पहुँचने के आँकड़ों के अतिरिक्त समर्थन से बेंचमार्क ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें बढ़कर 119.84 डॉलर प्रति बैरल हो गयी, जो 2012 के बाद से सबसे अधिक है। पिछले एक महीने में ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में एक तिहाई से अधिक उछाल दर्ज की गयी है। कॉन्टैंक्ट का छह महीने का स्प्रैड 21 डॉलर प्रति बैरल से अधिक की रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गया, जो बहुत कम आपूर्ति का संकेत देता है। अमेरिकी कच्चा तेल 116.57 डॉलर पर पहुँच गया, जो 2008 के बाद उच्च स्तर पर है। ईरान के साथ परमाणु समझौते को फिर से लागू करने के लिए वार्ता में सफलता के बारे में एक ईरानी रिपोर्टर द्वारा ट्वीट किये जाने के बाद कीमतों में गिरावट हुई है क्योंकि इस समझौते के लागू होने से ईरान से तेल निर्यात में बढ़ोतरी हो सकती है। ईरानी परमाणु गतिविधि पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख के शनिवार को ईरान दौरे को इस समझौते की सफलता की संभावनाओं को बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। रूस, जो कच्चे और रिफाइंड तेल उत्पादों के सबसे बड़े निर्यातक के रूप में सऊदी अरब के साथ प्रतिस्पर्ध करता है, प्रति दिन 7 मिलियन बैरल से अधिक तेल का निर्यात करता है, जिसमें से लगभग आध यूरोप जाता है। वाशिंगटन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने यूक्रेन पर आक्रमण करने पर रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन अब तक के प्रतिबंधें के तहत रूसी तेल और गैस निर्यात को नही रखा गया है। इस सप्ताह में हम कच्चे तेल के बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देख सकते हैं क्योंकि कीमतें खबरों से संचालित हो रही हैं और 8,000-8,700 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि से नेचुरल गैस की कीमतों को को समर्थन मिल रहा है इस सप्ताह भी कीमतों में तेजी के रुझान के साथ कारोबार हो सकता है और कीमतें 320-380 रुपये के दायरे में रह सकती है। (शेयर मंथन, 07 मार्च 2022)