टी. एस. हरिहर
संस्थापक, एचआरबीवी क्लाइंट सॉल्यूशंस
अच्छे शेयर चुन सकने वालों के लिए भारत एक शानदार बाजार बना हुआ है। आने वाले समय में मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में ज्यादा सकारात्मक चाल की आशा रहेगी। राज्यों के आगामी विधान सभा चुनाव 2024 के राष्ट्रीय चुनाव के लिए माहौल तैयार कर सकते हैं। इसलिए इन चुनावों का हल्का सकारात्मक असर बाजार पर हो सकता है।
रिजर्व बैंक का रुख तटस्थ (न्यूट्रल) होना, जीडीपी विकास दर में सुधार, कंपनियों के मुनाफे में सुधार और बाजार के आकर्षक मूल्यांकन भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हैं। पर फेडरल रिजर्व का सख्त रुख, वैश्विक मंदी की संभावना, निर्यात माँग और सरकारी घाटा (फिस्कल डेफिसिट) नकारात्मक असर डाल सकते हैं। भारत में ब्याज दरें अपने चरम पर पहुँच चुकी हैं, लेकिन दरों में कटौती 2024 में ही शुरू हो सकेगी। अगले छह महीने में भारतीय बाजारों के लिए अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की स्थिति का सबसे अधिक प्रभाव हो सकता है।
सेंसेक्स अगले छह महीने में 65,550 और निफ्टी 19,500 के स्तर के आस-पास होंगे। एक साल की अवधि में सेंसेक्स जहाँ 66,000 पर पहुँच सकता है, वहीं निफ्टी 19,700 के स्तर तक जा सकता है। चालू वित्त-वर्ष में देश की जीडीपी 6.5% रहेगी, वहीं अगले वित्त-वर्ष में यह 6% रह सकती है।
(शेयर मंथन, 10 जुलाई 2023)
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