ज्यादातर लोग अमेरिका में बांड खरीदारी कार्यक्रम को धीरे-धीरे रोकने का काम पूरा होने के बाद वैश्विक स्तर पर होने वाली कसावट के जोखिम को अभी नजरअंदाज कर रहे हैं।
नकदी के दम पर शुरू होने वाली तेजी के लिए नकदी का सूख जाना ही सबसे बड़ा जोखिम है।
इराक संकट, अमेरिका में दरों में वृद्धि की संभावना, क्यूई कार्यक्रम क्रमशः रुकना और नकदी का प्रवाह पलटना अभी मुख्य चिंताएँ हैं। दूसरी ओर पूँजी बाजार का चक्र, बुनियादी ढाँचे में निवेश, दूसरी पीढ़ी के सुधार, खुदरा माँग और भारतीय बाजार में एफआईआई की दिलचस्पी मुख्य सकारात्मक पहलू हैं। टी. एस. हरिहर, सीईओ, एचआरबीवी क्लाएंट सॉल्यूशंस (T. S. Harihar, CEO, HRBV Client Solutions)
(शेयर मंथन, 07 जुलाई 2014)
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