आरबीआई के रेपो दर में कटौती की घोषणा के पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष डॉ. महेश गुप्ता का कहना है यह कदम आने वाले समय में भी जारी रहना चाहिए और रेपो दर 6% से अधिक नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा आरबीआई का यह कदम से मांग को प्रोत्साहित, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की खरीद, ऋण की कम लागत और निवेश और विनिर्माण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह समय उद्योग की भावनाओं को मजबूत करने के लिए उपयुक्त है और आने वाले समय में दोहरे अंकों में विकसित करने के लिए मदद मिलेगी। डॉ गुप्ता का कहना है ईंधन भराई की मांग परिदृश्य औद्योगिक विकास के पथ को मजबूती देगा और युवा कार्य बल के लिए लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे। डॉ. गुप्ता ने कहा कि रेपो दर में कटौती के अच्छे परिणाम हासिल करने के लिए बैंकों को इसका हस्तांतरण कर्ज दरों में कटौती कर के करना होगा। (शेयर मंथन, 05 अप्रैल 2016)