मेरे विचार से बाजार में असली हलचल दो साल बाद शुरू होगी, जब सरकार ने साहसिक कदम उठा लिये होंगे और अर्थव्यवस्था में उन कदमों के परिणाम नजर आने लगेंगे।
इस सरकार का गाँवों पर काफी जोर है और उम्मीद है कि यह बुनियादी ढाँचे पर खर्च काफी बढ़ाने वाली है, जो बाजार के लिए बड़ी सकारात्मक बातें हैं। लेकिन मानसून की विफलता और सरकारी घाटा (फिस्कल डेफिसिट) बड़ी चिंताएँ हैं। अरविंद पृथी, संस्थापक, ऐंडर्सन कैपिटल ऐडवाइजर्स (Arvind Pruthi, Founder, Anderson Capital Advisors)
(शेयर मंथन, 07 जुलाई 2014)
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