2019 में जनवरी के मुकाबले फरवरी में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) उद्योग की एयूएम (प्रबंधन अधीन संपदा) 0.89% की गिरावट के साथ 23.16 लाख करोड़ रुपये रह गयी।
जनवरी की तुलना में फरवरी में म्यूचुअल फंड एयूएम में 20,083 करोड़ रुपये की गिरावट आयी। फरवरी में म्यूचुअल फंड की शुद्ध इक्विटी योजनाओं में 3,948 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो पिछले 25 महीनों में सबसे कम है। जनवरी 2019 में शुद्ध इक्विटी योजनाओं में 4,914 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था, जो इस खंड में तब तक पिछले 24 महीनों में सबसे कम निवेश था।
बचत योजना फंडों सहित शुद्ध इक्विटी निवेश भी 5,122 करोड़ रुपये के 25 महीनों के निचले स्तर पर पहुँच गया, जो जनवरी में 6,158 करोड़ रुपये था।
वहीं फरवरी में इक्विटी संबंधित बचत योजनाओं (ईएलएसएस) में 1,174 करोड़ रुपये की पूँजी आयी, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलान में 26% कम है। बता दें कि फरवरी 2018 में ईएलएसएस में 1,585 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।
गौरतलब है कि जानकार जिन कारणों को इक्विटी योजनाओं में निवेश में आयी कमी की वजह मान रहे हैं, उनमें हाल में गहराया भारत-पाक सीमा तनाव, आगामी लोकसभा चुनाव और नकदी की तंगी शामिल हैं।
इसके अलावा ऋण बाजार में चूक (Defaults) और गिरावट पर बढ़ती चिंता के कारण आय फंडों, जिनमें अधिकांश डेब्ट फंड श्रेणियाँ शामिल हैं, में से 4,214 करोड़ रुपये की निकासी देखी गयी। लिक्विड फंड / मनी मार्केट योजनाओं में से 24,509 करोड़ रुपये की निकासी हुई, जिसका कुल एयूएम पर काफी असर पड़ा।
इस बीच एसआईपी (व्यवस्थित निवेश योजना) की चमक बरकरार रही। जनवरी में 8,022 करोड़ रुपये के मुकाबले फरवरी में एसआईपी के जरिये 8,095 करोड़ रुपये की पूँजी आयी, जो एक नया रिकॉर्ड है। (शेयर मंथन, 09 मार्च 2019)