इक्विटी फंडों में से जुलाई 2020 के दौरान भले ही निवेशकों ने पैसा निकाला हो, लेकिन कुल मिला कर यह महीना म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) उद्योग के लिए अच्छा ही रहा है।
जुलाई महीने के दौरान म्यूचुअल फंड उद्योग को कुल मिला कर 89,813 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश मिला है। इसमें सबसे मुख्य योगदान ऋण या डेब्ट फंडों (Debt Funds) का है, जिन्हें जुलाई 2020 में 91,392 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश मिला। जुलाई महीने में डेब्ट फंडों की अधिकांश श्रेणियों में रुझान बदला है। जून 2020 में सभी डेब्ट फंडों में आने वाला कुल शुद्ध निवेश मात्र 2,862 करोड़ रुपये का था। डेब्ट फंड ऋण बाजार की प्रतिभूतियों, जैसे बॉन्ड आदि में पैसे लगाते हैं।
हालाँकि इक्विटी फंडों से 2,480 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई। हाइब्रिड योजनाओं से भी निवेशकों ने शुद्ध रूप से 7,301 करोड़ रुपये निकाल लिये। अन्य योजनाओं में ईटीएफ श्रेणी में बड़ा निवेश आया है। गोल्ड ईटीएफ में जुलाई 2020 में 921 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया, जो जून 2020 में 494 करोड़ रुपये का था। वहीं अन्य ईटीएफ में 13,126 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। दरअसल अन्य ईटीएफ की यह बड़ी राशि भारत बॉन्ड ईटीएफ (अप्रैल 2025 एवं अप्रैल 2031) के एनएफओ के कारण है।
डेब्ट फंडों में केवल क्रेडिट रिस्क फंड की श्रेणी ऐसी रही है, जिसमें से निवेशकों ने जुलाई 2020 में शुद्ध निकासी की है। यह निकासी 670 करोड़ रुपये की है। इस श्रेणी से जून महीने में भी 1,494 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई थी। डेब्ट फंडों में सबसे ज्यादा 14,219 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश लो ड्यूरेशन फंडों में आया है, जबकि पिछले महीने में इस श्रेणी में आने वाला शुद्ध निवेश केवल 1,055 करोड़ रुपये का था। वहीं लिक्विड फंडों में 14,055 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। इस श्रेणी के फंडों में मुख्य रूप से कॉर्पोरेट क्षेत्र अपनी अतिरिक्त नकदी रखने के लिए निवेश करता है। जून 2020 में इस श्रेणी से 44,226 करोड़ रुपये की विशाल राशि की शुद्ध निकासी हुई थी।
कॉर्पोरेट बॉन्ड फंडों में 11,910 करोड़ रुपये, शॉर्ट ड्यूरेशन फंडों में 11,510 करोड़ रुपये, अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंडों में 9,333 करोड़ रुपये और मनी मार्केट फंडों में 9,067 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ है। डेब्ट फंडों में बैंकिंग ऐंड पीएसयू फंड श्रेणी में 6,323 करोड़ रुपये, फ्लोटर फंड श्रेणी में 4,713 करोड़ रुपये, ओवरनाइट फंडों में 4,667 करोड़ रुपये, गिल्ट फंडों में 3,396 करोड़ रुपये और डायनामिक फंडों में 2,019 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया। वहीं मीडियम ड्यूरेशन फंडों में 379 करोड़ रुपये, मीडियम टू लॉन्ग ड्यूरेशन फंडों में 201 करोड़ रुपये, लॉन्ग ड्यूरेशन फंडों में 191 करोड़ रुपये और 10 साल की नियत अवधि वाले गिल्ट फंडों में 78 करोड़ रुपये का हल्का शुद्ध निवेश दिखा है। (शेयर मंथन, 13 अगस्त 2020)