शेयर मंथन में खोजें

शेयर बाजार में तेजी, मगर इक्विटी म्यूचुअल फंडों (Equity Mutual Funds) से पैसा निकाल रहे निवेशक

शेयर बाजार में भले ही इस समय अच्छी तेजी दिख रही हो, लेकिन इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश के मासिक आँकड़े चौंकाने वाले रहे हैं। चार साल में पहली बार ऐसा हुआ है, जब इक्विटी म्यूचुअल फंडों में शुद्ध निवेश नकारात्मक हो गया है।

ऐसे में यह प्रश्न उठ खड़ा हुआ है कि इसे खुदरा निवेशकों के सामने पैसों की तंगी का मामला समझा जाये, या उनकी मुनाफावसूली के रूप में देखा जाये? क्या बाजार की मौजूदा तेजी पर निवेशकों को भरोसा नहीं हो पा रहा है?
म्यूचुअल फंडों की संस्था एम्फी (AMFI) ने सोमवार 8 अगस्त को जुलाई महीने के जो आँकड़े जारी किये हैं, उनके अनुसार जुलाई 2020 में निवेशकों ने इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंडों में 14,141.66 करोड़ रुपये लगाये, जबकि इन योजनाओं से 16,622.01 करोड़ रुपये की निकासी की गयी। इस तरह इक्विटी योजनाओं से 2,480.35 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई।
इससे पहले इक्विटी योजनाओं में जून 2020 में 241 करोड़ रुपये, मई 2020 में 5,257 करोड़ रुपये और अप्रैल 2020 में 6,213 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ था। इस तरह मौजूदा वित्त वर्ष में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में शुद्ध निवेश लगातार घटते हुए अब नकारात्मक हो गया है। दरअसल बीते चार वर्षों में यह पहला महीना रहा है, जब इक्विटी फंडों में शुद्ध निवेश नकारात्मक हुआ है।
इक्विटी फंडों की 10 श्रेणियों में से केवल दो ही श्रेणियाँ ऐसी हैं, जिनमें जुलाई महीने शुद्ध निवेश आया है, जबकि बाकी 8 श्रेणियों में से शुद्ध निकासी हुई है। फोकस्ड फंडों में 535 करोड़ रुपये और ईएलएसएस फंडों में 279 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। दूसरी ओर मल्टी कैप फंडों से 1,033 करोड़ रुपये, मिड कैप फंडों से 579 करोड़ रुपये, वैल्यू/कॉन्ट्रा फंडों से 549 करोड़ रुपये, लार्ज ऐंड मिड कैप फंडों से 467 करोड़ रुपये, लार्ज कैप फंडों से 365 करोड़ रुपये, सेक्टोरल/थीमैटिक फंडों से 177 करोड़ रुपये, स्मॉल कैप फंडों से 91 करोड़ रुपये और डिविडेंड यील्ड फंडों से 33 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई।
मगर क्या इक्विटी फंडों से इस निकासी को केवल निवेशकों की मुनाफावसूली कहा जा सकता है? यदि इस समय निवेशक शेयर बाजार के ऊँचे स्तरों को देख कर मुनाफावसूली कर रहे हैं, तो फिर यही बात जनवरी 2020 में भी होनी चाहिए थी। अगर जुलाई 2020 के महीने में बाजार के मुख्य सूचकांक सेंसेक्स की चाल देखी जाये, तो यह इस महीने में 34,927 के निचले स्तर से 38,617 के ऊपरी स्तर तक गया। मगर जनवरी 2020 में सेंसेक्स 40,477 से लेकर 42,274 के रिकॉर्ड स्तर तक के दायरे में चला था।
जनवरी 2020 के दौरान इक्विटी फंडों में कुल 7,877 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ था। तब तस्वीर एकदम उल्टी थी और 10 में से आठ श्रेणियों के इक्विटी फंडों में शुद्ध निवेश हुआ था, जबकि केवल दो श्रेणियों के इक्विटी फंडों में से शुद्ध निकासी हुई थी।
यदि बाजार के ऊपरी स्तरों को देख कर अभी निवेशकों की मुनाफावसूली हो रही है, तो जनवरी में इससे भी ऊँचे स्तरों पर और बड़ी मुनाफावसूली हुई होती। मगर ऐसा नहीं हुआ था। तो फिर क्या कारण यह है कि इस समय बाजार में जो तेजी आयी है, उसके टिकाऊ होने पर निवेशकों को भरोसा नहीं है? (शेयर मंथन, 10 अगस्त 2020)

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"