राजीव रंजन झा : रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के अच्छे तिमाही नतीजों के चलते आज इसके शेयर भाव में आयी उछाल ने बाजार ने सँभाल रखा है।
सुबह करीब सवा घंटे का कारोबार पूरा होने के बाद यह साफ दिखता है कि रिलायंस ने तो अपनी मजबूती को मोटे तौर पर सँभाले रखा है, लेकिन सेंसेक्स-निफ्टी उसकी इस मजबूती का पूरा फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। करीब 955 रुपये का ऊपरी भाव छूने के बाद इस समय रिलायंस करीब 935 रुपये पर है। इस तरह दिन के ऊपरी स्तर से यह करीब 20 रुपये नीचे जरूर आया है, लेकिन अब भी यह 4% से ज्यादा की बढ़त दिखा रहा है। इसकी यह मजबूती सेंसेक्स को करीब 75 अंक का फायदा दे रही है, लेकिन सेंसेक्स की कुल बढ़त अभी बस 50 अंक से कुछ ज्यादा है। यानी साफ है कि रिलायंस को हटा कर देखें तो सेंसेक्स और निफ्टी अभी थोड़े नुकसान में ही नजर आयेंगे।
जिस दिन इन्फोसिस के नतीजे आये थे, उस दिन भी यही कहानी थी। उस दिन अगर इन्फोसिस को हटा कर देखते तो सेंसेक्स-निफ्टी सुस्त नजर आते। पिछले हफ्ते जब ओएनजीसी एक दिन में सीधे करीब 10% उछाल दिखा रहा था, उस दिन भी यही हाल था। उस दिन भी अगर ओएनजीसी और रिलायंस को हटा कर देखते तो बाजार उत्साहहीन लगता।
इस तरह बाजार को सँभाले रखने वाले नायक बदल रहे हैं, लेकिन कहानी वही है। कहानी यह है कि बाजार इन स्तरों पर टिकने और धीरे-धीरे ऊपर चढ़ते जाने की कोशिश कर रहा है। बेशक, इसमें अब कुछ थकान दिख रही है। अगर यह थकान नहीं होती तो रिलायंस की 4% उछाल से सेंसेक्स-निफ्टी में कुछ अलग तरह का जोश दिखता।
लेकिन इस थकान के बावजूद बाजार ने नीचे लौटने का कोई इशारा नहीं किया है। कोई बड़ी महत्वपूर्ण मुनाफावसूली तक नहीं उभरी है हाल के दिनों में। थकान उतारने, थोड़ी साँस भरने के लिए यह जरा रुक जाता है, ठहर जाता है और फिर आगे बढ़ता है। तभी तो साल की शुरुआत करीब 5900 पर करने के बाद निफ्टी वहाँ से लगभग पौने दो सौ अंक ऊपर है।
लेकिन आगे ऊपर की ओर बड़े छोटे-छोटे पड़ावों पर बाधा दिख रही है। आज निफ्टी स्पॉट 6080 के पास बाधा लेता दिख रहा है। इससे केवल 20 अंक ऊपर 6100 भी बहुत लोगों को बाधा के रूप में दिख रहा होगा। थोड़ा ऊपर चलें तो 6150 काफी लोगों के लिए एक बड़े बाधा स्तर और बिकवाली सौदों में घाटा काटने (स्टॉप लॉस) के स्तर के रूप में भी है। वहीं कुछ लोग कहेंगे कि 6150 नहीं, 6180 ज्यादा महत्वपूर्ण लक्ष्य और बाधा है। इसके 20 अंक ऊपर 6200 का भी लक्ष्य मिल रहा है और 6230 का भी। और अगर निफ्टी वहाँ तक चला गया तो उसके बाद 6357 के ऐतिहासिक शिखर से बस एक कदम पहले निफ्टी क्यों अटक जायेगा!
कहने का मतलब यह कि बड़े छोटे-छोटे कदमों से बाजार ऊपर की ओर बढ़ने में लगा है। तभी तो आपको यह अहसास भी नहीं हुआ कि साल के शुरुआती 3 हफ्तों में निफ्टी ने कब-कैसे करीब पौने दो सौ अंक की बढ़त हासिल कर ली। साल 2012 के समापन पर निफ्टी 5905 पर था, आज यह 6080 के आसपास तक जा चुका है।
ऐसे में करना क्या चाहिए? जब तक बाजार की यह तेजी चल रही है, तब तक इसके साथ चलें। जब तक यह वापस पलटने का संकेत न दे, तब तक बेवजह चिंता में अपने पोर्टफोलिओ को दुबला न करें। लेकिन सावधान रहें, क्योंकि जब बाजार पलटेगा तो आपको प्रतिक्रिया के लिए ज्यादा समय नहीं देगा। यह साल अच्छे-खासे उतार-चढ़ाव वाला होगा। जब बाजार में कुछ उत्साह दिखने लगे, उस वक्त जरा ज्यादा चौकस रहें। अभी तो बाजार संदेह भरे छोटे-छोटे कदमों से चल रहा है, इसलिए चिंता कम है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 21 जनवरी 2013)
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