राजीव रंजन झा : भारतीय शेयर बाजार अब एक दिलचस्प मुकाम पर आ गया है और दीपावली के दिन बने ताजा ऊपरी स्तरों से करीब 5% नीचे आने पर अब बाजार में नयी तेजी का कोरस जरा कम सुनाई दे रहा है।
इसलिए कहा जा सकता है कि बाजार में चल रहे म्युजिकल चेयर के खेल का संगीत फिलहाल रुका है। इस समय निफ्टी 6000 के करीब है और इस महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे फिसलना बाजार के उत्साह के लिए कतई अच्छा संकेत नहीं होगा। खास कर अगर यह 5970 के नीचे गया तो बाजार का कुछ और फिसलना स्वाभाविक होगा, क्योंकि 5970-6000 का दायरा काफी समय से निफ्टी के लिए या तो महत्वपूर्ण बाधा या महत्वपूर्ण सहारे का काम करता रहा है।
अभी इसी बात पर नजर रहेगी कि यहाँ इस समय निफ्टी को यह दायरा कितना सहारा दे पाता है और कब तक दे पाता है। अगर यह फौरी तौर पर 5970-6000 पर सहारा लेकर कुछ सँभले भी, लेकिन इसके बाद दोबारा नीचे आते हुए यह सहारा तोड़ दे तो बाजार नये निचले स्तरों की ओर बढ़ जायेगा। निफ्टी ने 29 अक्टूबर की पिछली तलहटी 6079 को तोड़ कर यह तो दिखा ही दिया है कि अगस्त से अब तक लगातार ऊपरी तलहटियाँ बनाने का सिलसिला टूट चुका है।
अगर निफ्टी मौजूदा स्तर से या थोड़ा और नीचे जाकर वापस सँभले, लेकिन हाल के ऊपरी स्तर 6342 को पार किये बिना फिर से नीचे आने लगे और अपनी सबसे ताजा तलहटी को भी तोड़ दे तो यह निचले शिखर और निचली तलहटी का एक सिलसिला बनने का स्पष्ट संकेत होगा। वैसी हालत में बाजार की कमजोरी बढ़ सकती है।
निफ्टी ने अगस्त 2013 की तलहटी 5119 से लेकर दीपावली के मुहुर्त कारोबार के ऊपरी स्तर 6342 तक 1223 अंक की उछाल भरी है। इस उछाल की वापसी के स्तरों पर गौर करें तो 23.6% वापसी 6053 पर है। इसलिए अगर निफ्टी मौजूदा स्तर से सँभल कर 6053 के ऊपर तो जाये, लेकिन वापस लौट कर इसके नीचे आने लगे तो यह समझना चाहिए कि यह 38.2% वापसी के स्तर 5875 की ओर जाने लगा है। अगर अभी यह वापस सँभलने के प्रयास के बावजूद 6053 को पार नहीं कर पाये, तो वैसी हालत में भी 5875 को नीचे का अगला लक्ष्य माना जा सकता है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 13 नवंबर 2013)
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