शेयर मंथन में खोजें

मँझोली और दीर्घ अवधि में सकारात्मक धारणा

वैभव अग्रवाल
रिसर्च प्रमुख, एंजेल ब्रोकिंग
सरकार की ओर से प्रमुख सुधार कार्यक्रमों पर प्रगति का अभाव है।

कच्चे तेल की कीमतों में तेज वृद्धि चिंता का विषय है। सकारात्मक बात यह है कि ब्याज दरों में कमी आयी है और पूँजी की लागत घटी है। वर्ष 2017 में उपभोग में कमी आ सकती है, मगर सरकारी व्यय में हो रही वृद्धि विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विभिन्न चुनौतियों के बावजूद मेरा मानना है कि आगामी कई वर्षों तक हम संरचनात्मक रूप से सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था बने रहेंगे, जिससे निवेशकों को भारतीय पूँजी बाजार की ओर आकर्षित होना चाहिए। इसलिए हम मँझोली से दीर्घ अवधि में भारतीय बाजारों की संभावनाओं को लेकर सकारात्मक नजरिया बनाये हुए हैं। (शेयर मंथन, 04 जनवरी 2017)

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

  • 10 शेयर 10 फंड : निवेश मंथन पत्रिका (अक्टूबर 2024)

    यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।

  • आईपीओ की आँधी : निवेश मंथन पत्रिका (सितंबर 2024)

    शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"