औद्योगिक उत्पादन (IIP) के ताजा आँकड़ों पर उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) ने कहा है कि इनसे मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि के नाजुक हालत में होने का संकेत मिलता है।
अपने एक बयान में फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा, "मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि में आयी गिरावट इस क्षेत्र के लिए फिक्की के चौथी तिमाही के मैन्युफैक्चरिंग सर्वेक्षण में बताये गये अनुमानों के अनुरूप ही है।" उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जाने की जरूरत है। उन्होंने अपील की है कि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार आने वाले समय में ज्यादा गहराई से अपने सुधार के उपायों को जारी रखे।
फरवरी 2017 के महीने के लिए जारी आईआईपी के आँकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन में 1.2% की गिरावट आयी है। यह बीते चार महीनों का सबसे कमजोर प्रदर्शन है। ये आँकड़े विश्लेषकों के अनुमानों से विपरीत रहे हैं, क्योंकि इस गिरावट के बदले अर्थशास्त्रियों ने हल्की बढ़त रहने का अनुमान लगाया था। जनवरी महीने में आईआईपी वृद्धि दर 3.3% रही थी। वहीं साल भर पहले फरवरी 2016 में आईआईपी में 1.99% की बढ़त दर्ज हुई थी। फरवरी तक वित्त वर्ष 2016-17 के 11 महीनों में औद्योगिक उत्पादन में महज 0.4% की वृद्धि रही है, जबकि इसके पिछले साल की समान अवधि में 2.6% वृद्धि हासिल हुई थी। इस तरह वित्त वर्ष 2016-17 औद्योगिक उत्पादन की दृष्टि से एक सपाट वर्ष साबित होने जा रहा है। (शेयर मंथन, 13 अप्रैल 2017)