नोटबंदी के बाद की गयी लेन-देनों के कारण 2 लाख से अधिक कंपनियों पर सरकार की नजर है।
लगभग 13 बैंकों ने 2 लाख से अधिक कंपनियों में उन से 5,800 कंपनियों से संबंधित डेटा जमा कर दिया है, जिनका पंजीकरण नियामक ने रद्द कर दिया था। इन सभी के पहले चरण में 13,140 खाते जाँच के दायरे में हैं। इनमें कुछ कंपनियों के 100 से अधिक खातें हैं, जबकि एक कंपनी के 2,134 खातों की बात सामने आयी है। खास बात यह है कि ऋण खाते अलग करने के बाद इन कंपनियों का कुल बैलेंस 08 नवंबर 2016 को 22.05 करोड़ रुपये था, जबकि मान्यता रद्द किये जाने के दिन तक इन सभी कंपनियों ने मिल कर 4,573.87 करोड़ रुपये अपने खातों में जमा किये। यह आँकड़े सरकार द्वारा रद्द की गयी संदिग्ध कंपनियों में से केवल 2.5% के हैं। जाँच एंजेंसियों को तय समय सीमा में जाँच पूरी किये जाने के आदेश दिये गये हैं। (शेयर मंथन, 07 अक्टूबर 2017)