अक्टूबर 2015 के बाद से नवंबर 2017 में सबसे बेहतर रहे आईआईपी (भारतीय औद्योगिक उत्पादन) आँकड़े सभी क्षेत्रों में होने वाली आर्थिक वृद्धि दर्शातें हैं।
यह तेजी इसलिए भी खास है क्योंकि यह पूँजीगत वस्तुओं और इन्फ्रा/निर्माण वस्तुओं जैसी श्रेणियों में निवेश की उच्च वृद्धि दर को प्रदर्शित करती है। साथ ही वाणिज्यिक वाहनों की बढ़ी बिक्री और बैंक जमाओं की विकास दर जैसे संकेतक भी इसकी पुष्टि करते हैं।
इस समय केंद्र सरकार अपने आक्रामक सुधार एजेंडा पर भी है, जिसके काफी सकारात्मक परिणाम होंगे। इसके अलावा जीएसटी लागू होने के कारण सामने आयी शुरुआती बाधा के बाद अब अर्थव्यवस्था भी स्थिर हो गयी है।
चंद्रजीत बनर्जी, महानिदेशक, भारतीय उद्योग परिसंघ
(शेयर मंथन, 13 जनवरी 2018)