भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्वि-मासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में (Repo Rate) कोई संशोधन नहीं किया है।
केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को लगातार चौथी बार 6.0% ही बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के 6 में से 5 सदस्य रेपो दर न बदलने के पक्ष में रहे। बता दें कि रेपो दर वह दर होती है जिस पर अन्य बैंक, रिजर्व बैंक से ऋण लेते हैं। इससे पहले अंतिम बार अगस्त 2017 में आरबीआई ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती का निर्णय लिया था।
इसके अलावा आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) को भी 5.75% ही बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक अन्य वाणिज्यिक बैंकों से जिस दर पर ऋण लेता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं। नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4% और सांविधिक नकदी अनुपात (एसएलआर) 19.5% ही रहेंगे।
केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति के अनुमान में संशोधन कर इसके लिए 4.7-5.1% और दूसरी छमाही के लिए 4.4% का अंदाजा लगाया है। वहीं आरबीआई के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में 6.6% के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में जीडीपी दर 7.4% रह सकती है। केंद्रीय बैंक ने पहली छमाही में 7.3-7.4% और दूसरी छमाही के लिए 7.3-7.6% का अनुमान लगाया है। (शेयर मंथन, 05 अप्रैल 2018)