उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) ने अपने ताजा आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7.4% जीडीपी विकास दर का अनुमान लगाया है।
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों ने इसके अधिकतम 7.5% और न्यूनतम 6.9% की संभावना जतायी है। गौरतलब है कि 2018 में अप्रैल-मई में किये गये इस सर्वेक्षण में फिक्की ने उद्योग, बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र से अर्थशास्त्रियों को शामिल किया। फिक्की ने पिछले कारोबारी साल के लिए 6.6% औऱ इसकी अंतिम तिमाही के लिए 7.1% विकास दर का अंदाजा लगाया है। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि से मुद्रास्फीति पर दबाव पड़ सकता है।
विभिन्न क्षेत्रों पर नजर डालें तो फिक्की के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार कृषि और इससे संबधित गतविधियों की विकास 2018-19 में 3.2% रह सकती है। वहीं उद्योग के 6.7% और सेवा क्षेत्र के 8.4% की दर से वृद्धि करने की उम्मीद है। इसके अलावा 2018-19 के लिए औद्योगिक उत्पाद सूचकांक (आईआईपी) के न्यूनतम 5.0% और अधिकतम 7.0% की संभावना के साथ 6.5% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
खास बात यह है कि फिक्की के सर्वेक्षण में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों ने मुद्रास्फीति के लिए नरम रुख रखा है। 2018-19 के लिए थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति दर के लिए औसत पूर्वानुमान 3.5% आँका गया है, जिसके अधिकतम 3.9% और न्यूनतम 2.9% रहने की संभावना है। वहीं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के अधिकतम 5.0% और न्यूनतम 4.3% की संभावना के साथ औसत 4.6% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। (शेयर मंथन, 29 मई 2018)