भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो दर में लगातार दूसरी बार 0.25% अंक की बढ़ोतरी कर दी है।
इसके साथ ही रेपो दर (Repo Rate) 6.25% से बढ़ कर 6.50% हो गयी है। नीतिगत दरों को निर्धारित करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के 5 सदस्य रेपो दर बढ़ाने और एक सदस्य इसके खिलाफ रहे। वहीं रिवर्स रेपो दर को 6% ही बरकरार रखा गया है। इससे पहले जून में एमपीसी ने 52 महीनों के बाद सर्वानुमति से रेपो दर में 0.25% का इजाफा किया था।
रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पावधि ऋण देता है, जिससे उनके ऋणों की दरें प्रभावित होती हैं। बता दें कि एमपीसी ने रेपो दर में बढ़ोतरी करते हुए तटस्थ रुख बनाये रखा है।
इस बीच केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही के लिए 7.5% विकास दर का अनुमान लगाया है। 2018-19 के लिए 7.4% विकास दर के अनुमान को बरकरार रखा गया है, जिसमें पहली छमाही में 7.5-7.6% और दूसरी छमाही में 7.3-7.4% विकास दर का अनुमान है। साथ ही चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए रिजर्व बैंक ने 4.6% और दूसरी छमाही के लिए 4.8% तथा अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए 5% मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया है। (शेयर मंथ, 01 अगस्त 2018)