भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम द्वि-मासिक समीक्षा में रेपो रेट में 25 आधार अंको की कटौती की है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में हुई यह पहली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी। एमपीसी ने अपने नीतिगत नजरिये को भी "सख्त" से "उदासीन" बना लिया है।
छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) की बैठक में 4-2 के वोट से मुख्य नीतिगत दर रेपो को 6.50% से घटा कर 6.25% करने का फैसला लिया गया। आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट घटाने के पक्ष में वोट दिया। बता दें कि रेपो दर वह दर है जिस पर अन्य बैंक, केंद्रीय बैंक से उधार लेते हैं।
साथ ही रिवर्स रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की गयी है, जो 6.25% से घट कर 6% रह गयी है। रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा पूँजी पर ब्याज मिलता है।
बता दें कि यह अगस्त 2017 के बाद रेपो रेट में पहली कटौती है। अगस्त 2017 में भी रेपो रेट में 25 आधार अंकों की ही कटौती की गयी थी।
रेपो रेट के अलावा आरबीआई ने मार्च तिमाही के लिए अनुमानित महँगाई दर घटा कर 2.8% कर दी है। वहीं वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में महँगाई दर के 3.2-3.4% रहने की संभवाना जतायी गयी है। साथ ही वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में महँगाई दर 3.9% रहने का अनुमान लगाया गया है। जबकि 2019-20 के लिए 7.4% विकास दर का अनुमान जारी किया गया है। (शेयर मंथन, 07 फरवरी 2019)