शेयर मंथन में खोजें

भविष्य में और कटौती संभव है ब्याज दर में

बी. प्रसन्न, प्रमुख - ग्लोबल मार्केट ग्रुप, आईसीआईसीआई बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का यह फैसला समझदारी भरा और सराहनीय है।

यह अपने रुख को लचीला रखने में सफल रही है, ताकि यह विकास को समर्थन देते हुए भी महँगाई दर ऊपर जाने की संभावना पर नजर बनाये रख सके। कारण यह है कि कच्चे तेल और खाद्य की बढ़ती कीमतों से महँगाई बढ़ने की आशंका बनती है।
2019-20 के लिए खुदरा महँगाई दर के अनुमानों में काफी कमी आने और 2020-21 तक नरम महँगाई दर बनी रहने की आशा के साथ-साथ 2019-20 के लिए विकास दर अनुमान कम होने से एमपीसी के लिए जरूरत होने पर विकास को सहारा देने की और अधिक गुंजाइश बनती है। अगर महँगाई दर और विकास दर के आने वाले आँकड़े नीचे की ओर फिर से चौंकायेंगे तो हम भविष्य में फिर से ब्याज दर में कटौती देख सकते हैं।
हालाँकि यह आश्चर्यजनक रहा कि एमपीसी ने तरलता प्रबंधन (लिक्विडिटी मैनेजमेंट) पर अधिक सक्रिय नहीं होने का फैसला किया। (शेयर मंथन, 04 अप्रैल 2019)

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

  • 10 शेयर 10 फंड : निवेश मंथन पत्रिका (अक्टूबर 2024)

    यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।

  • आईपीओ की आँधी : निवेश मंथन पत्रिका (सितंबर 2024)

    शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"