व्यापारिक संगठन संघ फिक्की (FICCI) ने आगामी बजट में कॉर्पोरेट टैक्स और न्यूनतम वैकल्पिक कर (Minimum Alternate Tax) या मैट को कम किये जाना का सुझाव दिया है।
चुनावी साल होने की वजह से केंद्र सरकार ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था, जबकि अब जुलाई में सरकार की तरफ से पूर्ण बजट किया जायेगा। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 30 मई से अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करेगी।
फिक्की ने अपनी पूर्व बजट ज्ञापन (Pre-Budget Memorandum) 2019-20 रिपोर्ट में हाइड्रोजन परॉक्साइड के आयात पर मूल सीमा शुल्क 7.5% से बढ़ा कर 10% करने, स्टार्ट-अप संबधित एंजेल टैक्स को खत्म करने, किसानों के लिए प्रत्यक्ष आय सहायता का दायरा बढ़ाने, विद्युत, इन्फ्रा और तेल-गैस जैसे क्षेत्रों में बड़ी सार्वजनिक परियजोनाओँ की घोषणा, उद्यमिता और एमएसएमई ईको-सिस्टम को मजबूत करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के सुझाव दिये हैं।
साथ ही फिक्की ने आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 80 जेजे के तहत मुर्गी पालन उद्योग के लिए उपलब्ध आयकर छूट को फिर से शुरू किये जाने की माँग की है। फिक्की के अनुसार पेट कोक को आयात शुल्क से छूट के अलावा एन्थ्रेसाइट कोयला पर कस्टम आयात शुल्क में कटौती की जानी चाहिए। फिक्की ने धारा 194ए के प्रावधानों से एनबीएफसी को दिये गये ब्याज / प्रोसेसिंग शुल्क को बाहर किये जाने का भी सुझाव दिया है। (शेयर मंथन, 27 मई 2019)