केंद्र सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment) या एफडीआई (FDI) नियमों ढील देते हुए कोयला खनन और कॉन्ट्रैक्ट मैनुफैक्चरिंग में 100% एफडीआई की इजाजत दे दी है।
कॉन्ट्रैक्ट मैनुफैक्चरिंग का अर्थ है किसी कंपनी द्वारा किसी अन्य कंपनी के लिए उसका ब्रांड के तहत माल का उत्पादन करना।
सुस्त अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गयी घोषणाओं के बाद बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कई अहम फैसले लिये। प्रिंट मीडिया के बाद सरकार ने डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने लिए डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में भी 26% एफडीआई को मंजूरी दे दी है। इसी प्रकार सरकारी मंजूरी के जरिये कंटेंट सेवाओं के प्रसारण में 49% एफडीआई की अनुमति दी गयी है।
कैबिनेट ने सिंगल ब्रांड रिटेल के लिए स्थानीय सोर्सिंग की परिभाषा का विस्तार किया है। इन रिटेल स्टोरों को अब अपनी प्राप्ति का 30% स्थानीय स्रोतों से लेना होगा, चाहे उनका उत्पाद निर्यात या घरेलू बिक्री के लिए सुनिश्चित किया गया हो, जिसकी समीक्षा साल दर साल आधार के बजाय पाँच सालों में होगी। इसके सथही सिंगल ब्रांड रिटेल आउटलेट अब ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू कर सकेंगे। वर्तमान में सिंगल ब्रांड रिटेल कंपनियों को ऑनलाइन बिक्री केवल भौतिक (Physical) आउटलेट के खोलने के बाद ही ऑनलाइन कारोबार की मंजूरी दी जाती है।
साथ ही सरकार ने निर्यात वर्ष 2019-20 के लिए 60 लाख टन चीनी के लिए निर्यात सब्सिडी को मंजूरी दी है। सरकार ने चीनी निर्यात के लिए 6,270 करोड़ रुपये की सब्सिडी का ऐलान किया है, जो सीधे किसानों के पास जायेगी। इसे गन्ना किसानों के लिए एक अहम निर्णय माना जा रहा है। इसेक अलावा सरकार ने 24,375 करोड़ रुपये के निवेश से 75 नये मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की, जिनसे अगले तीन वर्षों में 15,700 सीटें तैयार होंगी। इन कॉलेजों को असेवित जिलों में स्थापित किया जायेगा, जिससे देश में वर्तमान डॉक्टर-मरीज अनुपात में सुधार आयेगा। (शेयर मंथन, 29 अगस्त 2019)