
हर महीने की पहली तारीख को कुछ नियमों में बदलाव होते हैं, जिनका आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ता है। अगले महीने की पहली तारीख यानी 1 अप्रैल से नये वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत के साथ ही कई नियमों में भी बदलाव देखने को मिलेंगे। इसमें सबसे बड़ा बदलाव टैक्स स्लैब को लेकर होगा।
टैक्स स्लैब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुये इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव का ऐलान किया था। ये नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो जायेंगे। इस बदलाव में टैक्स कटौती और स्रोत पर कर संग्रह के नये नियम भी शामिल हैं। सरकार ने नये नियम के तहत इनकम टैक्स छूट की सीमा को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये सालाना कर दिया है। इसका मतलब है कि अब 12 लाख रुपये सालाना आय वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
गैस सिलेंडर
हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियाँ एलपीजी की कीमतों की समीक्षा करती हैं। ऐसे में 1 अप्रैल से आपको गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव देखने को मिल सकता है।
सीएनजी और पीएनजी
इसी तरह, हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियाँ हवाई ईंधन (एयर टर्बाइन फ्यूल) और सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में भी बदलाव करती हैं। ऐसे में 1 अप्रैल को इन कंपनियों की तरफ से होने वाली संभावित घोषणा पर नजर रखनी होगी।
फास्टैग
महाराष्ट्र में 1 अप्रैल से फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है। 1 अप्रैल 2025 से सभी टोल प्लाजा पर ये अनिवार्य होगा। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य टोल भुगतान को पहले की तुलना में सुव्यवस्थित करना और टोल बूथ पर यातायात की भीड़ को कम करना है।
टीडीएस
सरकार ने 1 अप्रैल से शेयरों पर मिलने वाले डिविडेंड और म्यूचुअल फंड यूनिट से होने वाली आय पर टीडीएस छूट सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है। सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को राहत देने के लिए ब्याज आय पर टीडीएस छूट सीमा को भी दोगुना कर दिया है। ये नियम 1 अप्रैल से लागू हो जायेंगे।
(शेयर मंथन, 21 मार्च 2025)
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