अप्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 35.8% बढ़ कर 3.24 करोड़ रुपये रहा है।
अप्रत्यक्ष कर संग्रह की वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान उत्पाद शुल्क प्राप्ति का रहा है। उत्पाद शुल्क में 70% की जोरदार बढ़त दर्ज हुई है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर अवधि में कर संग्रह वृद्धि पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य पाने के लिए आवश्यक 18.8% प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले दो गुनी रही है।
पिछले साल सितंबर तक उत्पादन शुल्क वसूली 74,019 करोड़ रुपये रही थी जो इस साल सितंबर तक बढ़ कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गयी है।
अप्रत्यक्ष कर संग्रह में हुई इस वृद्धि में पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में की गयी वृद्धि, जून में सेवा कर में हुई वृद्धि का मुख्य योगदान रहा है। (शेयर मंथन, 10 अक्टूबर 2015)