
भारतीय शेयर बाजार में आयी आज की गिरावट कोरोना काल के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। इस बारे में आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के एमडी-सीईओ ए बालासुब्रमण्यन का कहना है कि भारतीय बाजार की हाल की गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक धारणा में आये बदलाव के कारण है, खासतौर से ट्रंप द्वारा टैरिफ घोषणाओं के बाद, जिससे व्यापार गतिशीलता और मुद्रास्फीति के बारे में अनिश्चितता बढ़ गयी है। ये घटनाक्रम वैश्विक विकास और आर्थिक स्थिरता पर चिंता उत्पन्न कर रहा है।
हालाँकि, भारत के घरेलू बुनियादी कारण मजबूत बने हुए हैं क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था विशाल है और टैरिफ बदलावों का उस पर न्यूनतम प्रत्यक्ष प्रभाव है। इसके अलावा गिरते तेल के दामों से महँगाई कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे संभावित रूप से ब्याज दरों में कटौती हो सकती है और जिससे विकास को समर्थन मिलेगा।
बाजार में तीव्र गिरावट आयी है जिसने 1-1.5 साल के लाभ को मिटा दिया है, वहीं ऐसी अस्थिरता की उम्र छोटी होती है। भारत किसी भी तरह के वैश्विक झटके से इसलिए सुरक्षित रह सकता है, क्योंकि इसकी घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत है और नीति निर्माता स्थिरता और नीतियों के क्रियान्वयन के लिए जरूरी सुधार लागू करना सुनिश्चित करते हैं।
(शेयर मंथन, 07 अप्रैल 2025)
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