कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतें 960-985 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
कपास की कम उपलब्धता के अनुमान से कीमतों की गिरावट पर रोक लग सकती है। लेकिन कीमतें अधिक खरीदारी वाले दायरे में पहुँच गयी हैं और कारोबारी मुनाफा वसूली करना पसंद कर रहे हैं। आगामी दिनों में गुलाबी कीटों के प्रकोप से भारी नुकसान को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने किसानों को दिसंबर से पहले कपास की फसल को समाप्त करने को कहा है। महाराष्ट्र में गुलाबी कीटों के प्रकोप से लगभग 2.8 मिलियन हेक्टेयर या कुल रकबे का 67% कपास की फसल प्रभावित हुई है। गुजरात में कीटों के प्रकोप की खबर नहीं हैं। कर्नाटक में भी कपास की फसल तैयारी हो गयी है, लेकिन देर से बोई गयी फसल का भी अच्छा विकास हो रहा है। तमिलनाडु में सरकार ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त जल निकासी की व्यवस्था करने के लिए किसानों को निर्देश दिया है। पिछले हफ्ते चना वायदा की कीमतें अधिक उत्पादन अनुमान और कमजोर माँग के कारण वर्ष के निचले स्तर पर पहुँच गयी थीं। चना वायदा (जनवरी) कीमतों में 5,801 के उच्च स्तर से 25% की गिरावट हुई है, जबकि ओपेन इंटरेस्ट सप्ताह-दर-सप्ताह 903% बढ़कर 44,450 लॉट तक गिरावट होने की संभावना है। कैस्टरसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों में 4,500 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। गुजरात के हाजिर बाजारों में कैस्टरसीड की नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है। (शेयर मंथन, 11 दिसंबर 2017)
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