इरोद बाजार में नयी फसल की बढ़ी हुई माँग के कारण कीमतों को मदद मिली, जिससे पिछले हफ्ते हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 4% के सर्किट के साथ उछाल दर्ज की गयी।
लेकिन कीमतों में बढ़त बरकरार नही रह सकी और कीमतों को 7,000 के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ा। मौजूदा सेंटीमेंट नरमी का है, क्योंकि इरोद बाजार में केवल मध्यम क्वालिटी की हल्दी की आवक हो रही है और मौजूदा कम कीमतों के कारण किसान स्टॉक को रोक कर रखे हुए हैं। दूसरी ओर, यद्यपि कारोबारियों के पास घरेलू ऑर्डर है, लेकिन वे पूराने स्टॉक की खरीदारी को लेकर रूचि नही दिखा रहे है और नयी फसल का इंतजार कर रहे हैं। एनसीडीईएक्स में जीरा वायदा की कीमतें नरमी के रुझान से बाहर निकलने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान के कारण उच्च स्तर पर बिकवाली हो रही है। मौजूदा सीजन में अधिक उत्पादन और लगातार अधिक आवक के कारण अप्रैल वायदा की कीमतों के 14,700-15,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। विदेशी और घरेलू बाजारों से कमजोर माँग के कारण धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें 5,400 के सपोर्ट से नीचे टूट सकती हैं। वर्तमान समय में घरेलू और निर्यात करने वाले खरीदारो की ओर से बहुत अधिक माँग नही हो रही है, क्योंकि वे मार्च-अप्रैल में अधिकतम आवक के दौरान कीमतों में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं। इलायची वायदा (अप्रैल) की कीमतें 1,100-1,150 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। निर्यातकों की ओर से कम माँग और अच्छी क्वालिटी के इलायची के अभाव में कीमतों में नरमी का रुझान बना रह सकता है। (शेयर मंथन, 12 मार्च 2018)
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